मुंबई। वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज से ऋण की वसूली तथा कंपनी को पटरी पर लाने के लिए उसे ऋण देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने एयरलाइंस की 75 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा जारी कर दी है। भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने कंपनी की न्यूनतम 3,54,42,383 शेयर यानी 31.2 प्रतिशत हिस्सेदारी और अधिकतम 8,51,98,037 शेयर यानी 75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सोमवार को अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया है। संभावित खरीददार यदि कोई अतिरिक्त जानकारी या संशय का समाधान चाहते हैं तो मंगलवार दोपहर तीन बजे तक अपने प्रश्न भेज सकते हैं जबकि अभिरुचि पत्र 10 अप्रैल शाम छह बजे तक जमा कराये जा सकते हैं।
अभिरुचि पत्र के आधार पर योग्य खरीददारों का चयन होगा जिन्हें बोली लगाने के लिए दस्तावेज 30 अप्रैल तक जमा कराने होंगे। एकल बोली प्रदाता के लिए वित्तीय शर्तों के साथ हवाई परिवहन में तीन साल का अनुभव भी अनिवार्य किया गया है जबकि अन्य के लिए यह शर्त नहीं रखी गयी है।
उल्लेखनीय है कि कंसोर्टियम ने समाधान प्रक्रिया के तहत जेट एयरवेज में तत्काल 1,500 करोड़ रुपये लगाने की घोषणा की थी जबकि कंपनी को 11 करोड़ 40 लाख इक्विटी शेयर ऋणदाताओं को जारी करने थी। इससे कंसोर्टियम की हिस्सेदारी 50.1 प्रतिशत हो जाती और कंपनी पर उसका नियंत्रक अधिकार हो जाता। लेकिन जारी निविदा पुरानी शेयरधारिता के आधार पर तैयार की गयी है। पहले कंपनी के कुल 11 करोड़ 36 लाख शेयर थे जिसमें संस्थापक नरेश गोयल की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत थी।
वित्तीय संकट के कारण कंपनी बैंकों के ऋण का किस्त, विमानों का किराया, हवाई अड्डा शुल्क, विमान ईंधन की कीमत और कर्मचारियों का वेतन चुकाने में भी चूक कर चुकी है। इस कारण उसके कई विमान ग्राउंडेड हो चुके हैं और परिचालन में मौजूद विमानों की संख्या 30 से भी कम रह गयी है। कंसोर्टियम के निर्देश पर श्री गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल पहले ही निदेशक मंडल से इस्तीफा दे चुकी हैं।