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कैलाश मानसरोवर जाने वाले भक्‍तों के लिए खुशखबरी - मिली चार्टर्ड प्लेन की सुविधा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 2 2019 3:45PM | Updated Date: Apr 2 2019 3:45PM
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नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वालों की सुविधाओं को बढ़ाने का वादा करते हुए चीन ने आज कहा कि वह तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में भगवान शिव के इस तीर्थ के समीप एक हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों खासकर चार्टर्ड विमानों के लिए खोलने के साथ ही वीसा प्रणाली आसान बनाने पर विचार कर रहा है। 
 
चीन के दूतावास में मिनिस्टर एवं डिप्टी चीफ ऑफ मिशन ली बिजियान और तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में अली प्रीफैक्चर के उप आयुक्त जी किंगमिन ने यहां एक कार्यक्रम में संवाददाताओं को यह जानकारी दी। कैलास मानसरोवर के तीर्थयात्रियों के साथ संवाद का यह कार्यक्रम भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और चीनी दूतावास ने मिल कर आयोजित किया था। कार्यकम में चीनी विदेश मंत्रालय में तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र मामलों की महानिदेशक बैमान्यांगजोंग और सीआईआई भारत चीन फोरम के अध्यक्ष तरुण विजय भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम तीर्थयात्रियों की कैलास मानसरोवर यात्रा को लेकर सुझावों एवं मांगों को लेकर जवाब देते हुए श्री ली बिजियान ने कहा कि कैलास मानसरोवर की यात्रा भारत एवं चीन के बीच जनता के बीच संपर्क बढ़ाने का बहुत भी प्रभावी मंच है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की बहुत सारी मांगों में से कुछ मांगों को मानना संभव है और चीन एवं तिब्बत की स्थानीय सरकारें इस बारे में समुचित कदम उठाएंगी लेकिन बहुत सी मांगों को पूरा करना बहुत कठिन है।
 
इस क्षेत्र में आक्सीजन की कमी है और वर्ष में मई से सितंबर तक करीब चार -पांच माह ही काम करना संभव होता है। काम के लिए लोगों की उपलब्धता भी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत एवं चीन के शीर्ष नेताओं के बीच सहमति के बाद नाथू ला में दूसरा मार्ग खोला गया है। इससे यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। कैलास मानसरोवर में ढांचागत सुविधाओं का विकास किया गया है। 
 
यात्रियों के लिए आसान पहुंच की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि चीन की केन्द्र सरकार की पहल पर कैलास मानसरोवर के लिए अली प्रीफैक्चर में पुरांग के समीप एक हवाईअड्डे को खोलने पर विचार किया जा रहा है। वीसा प्रक्रिया को आसान बनाने के बारे में भी सकारात्मक ढंग से विचार किया जा रहा है। जी किगमिन ने कहा कि कैलाश मानसरोवर के करीब दो सौ किलोमीटर दूर कुन्शा हवाईअड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में कैलास मानसरोवर के यात्रियों के लिए विकसित करने का प्रस्ताव है। हवाई अड्डे के पास यात्रियों को जलवायु अनुकूलता के लिए ठहरने के वास्ते होटल, रेस्टोरेंट आदि सुविधाओं को भी विकसित किया जाएगा। हालांकि उन्होंने इसके खुलने की समयसीमा बताने में असमर्थता व्यक्त की।
 
उल्लेखनीय है कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए उत्तराखंड के पारंपरिक लिपुलेख दर्रे के कठिन मार्ग के अलावा नाथू ला दर्रे से मोटरवाहन से जाने का मार्ग उपलब्ध है। कुन्शा हवाईअड्डे से तीसरा मार्ग उपलब्ध होगा। मानसरोवर झील में डुबकी लगाने पर लगी रोक को हटाने की पुरजोर मांग के बारे में श्री ली बिजियान ने कहा कि कैलास पर्वत और मानसरोवर झील बेहद नाजुक पर्यावरणीय क्षेत्र में स्थित है। इस पवित्र झील की रक्षा के लिए चीन सरकार को हर हाल में पर्यावरणीय मानकों को बनाये रखना होगा। यात्रियों के लिए भी इस साझा विरासत को बचाने की चुनौती है। इसके लिए स्थानीय सरकार के नियमों को मानना होगा। जहां तक पवित्र स्रान का संबंध है, हम पारिस्थितकीय संकट नहीं पैदा होने देना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में आये सुझावों के बारे में विचार करने का आश्वासन दिया। 
 
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