नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने ब्लैक मनी पर उन तीन रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से मना कर दिया है, जिनमें भारतीयों के देश के भीतर और विदेश में कालाधन रखने से जुड़ी जानकारी है। मंत्रालय का कहना है कि इन रिपोर्ट की जांच एक संसदीय समिति कर रही है, ऐसे में उन्हें सार्वजनिक करने से संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा। सरकार के पास ये रिपोर्ट जमा कराए चार साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है। पिछली यूपीए सरकार ने 2011 में यह रिपोर्ट तैयार की थीं।
दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान, राष्ट्रीय व्यवहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद और फरीदाबाद के राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान से अलग-अलग इस बारे में एक अध्ययन कराया था। एक आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने पुष्टि की है कि इस तरह की रिपोर्ट उसे मिली हैं और उसे समिति के समक्ष रखा गया है जो इसकी जांच करेगी।