नई दिल्ली। देश में सड़कों के गड्ढे आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं। गुरुवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चिंता जताई है। साल 2013 से 2017 के बीच सड़कों पर गड्ढों के कारण 14,926 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि सड़कों पर गड्ढों के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा संभवत: आतंकियों द्वारा की गई हत्याओं से ज्यादा है। पीठ ने कहा कि 2013 से 2017 के बीच के आंकड़े बताए।
कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया
पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि ऐसे मामलों में पीड़ितों के परिजनों को कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया और मृतक के कानूनी वारिसों को प्राधिकारियों की उदासीनता की वजह से इस त्रासदी के साथ ही जीना पड़ रहा है। न्यायालय ने कहा कि इससे पहले गड्ढों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के बारे में कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं थे और निश्चित ही ऐसे घायलों की संख्या मृतकों की संख्या से कहीं अधिक होगी।