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राष्ट्रपति ट्रंप से खफा पाक ने अमेरिकी राजनयिक को किया तलब

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 21 2018 10:43AM | Updated Date: Nov 21 2018 10:44AM
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने मंगलवार को यहां एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया और ओसामा बिन लादेन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह इतिहास का बंद हो चुका अध्याय है और इससे द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ सकता है। ट्रंप ने रविवार को और बाद में अपने ट्वीटों में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर उसे दी जाने वाली लाखों डॉलर की सैन्य सहायता को बंद करने के अपने प्रशासन के फैसले का बचाव किया था। ट्रंप ने अल-कायदा प्रमुख बिन लादेन को एबटाबाद में छिपने का ठिकाना देने के लिए भी इस्लामाबाद की आलोचना की। 
 
राष्ट्रपति ने मीडिया से कहा, बिन लादेन पाकिस्तान में रह रहा था। हम उस पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। हम पाक को हर साल 1.3 अरब डॉलर दे रहे हैं। अब हम उन्हें यह नहीं देते। मैंने इसलिए देना बंद कर दिया क्योंकि वो हमारे लिए कुछ नहीं करते। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने मंगलवार को बताया, विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत पॉल जोन्स को तलब किया और पाकिस्तान के खिलाफ लगाये गये अवांछित और अपुष्ट आरोपों पर कड़ा ऐतराज दर्ज कराया।
 
उन्होंने अपने बयान में कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति के हालिया ट्वीट और टिप्पणियों पर सरकार की निराशा प्रकट करते हुए अमेरिकी कार्यवाहक राजदूत को बताया गया कि पाकिस्तान के बारे में इस तरह के बेबुनियाद बयान पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। फैसल ने बताया कि जांजुआ ने बिन लादेन के बारे में किये गये कटाक्ष को खारिज कर दिया और जोन्स को याद दिलाया कि पाकिस्तान के खुफिया सहयोग की वजह से ही बिन लादेन के बारे में शुरूआती सबूत मिले थे। जांजुआ ने जोन्स से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान से ज्यादा कीमत किसी दूसरे देश ने नहीं चुकाई।
 
अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों को शरण 
देने से इनकार करने के आदेश पर लगी रोकएक संघीय न्यायाधीश ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले लोगों को शरण देने से इनकार करने वाले ट्रंप प्रशासन के नए आदेश पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका आ रहे मध्य अमेरिकी शरणार्थियों के काफिले के मैक्सिको से निकल अमेरिकी सीमा तक पहुंचने को लेकर कहा था कि ये काफिले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और इस संबंध में महीने की शुरुआत में एक घोषणा जारी की थी। सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन टीगर ने सोमवार को सुनवाई के दौरान ट्रंप के आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। 
 
अमेरिकन सिविल लिबर्टिज यूनियन और सेंटर फॉर कॉन्स्टिट्यूशनल राइट्स ने कोर्ट के सामने इस संबंध में गुहार लगाई थी। ट्रंप प्रशासन ने 9 नवंबर को फरमान जारी किया था कि दक्षिणी सीमा को पार करने वाले किसी भी शख्स को शरण नहीं दी जाएगी। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में कहा कि ये लोग इसलिए अमेरिका आ रहे हैं क्योंकि वे लोग सचमुच खतरे में हैं। 
 
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