इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार रजाक दाऊद ने कहा है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का फायदा पाकिस्तान को मिलेगा क्योंकि इससे वह मोल-भाव करने की बेहतर स्थिति में होगा। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद ने बुधवार को उद्योगों एवं उत्पादन पर सीनेट की स्थायी समिति को संबोधित करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री इमरान खान चार नवंबर को चीन जा रहे हैं और हम इस स्थिति का पूरा लाभ उठाकर व्यापारिक साझेदार के तौर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे।'
उन्होंने कहा कि सरकार चीन के साथ मौजूदा एकपक्षीय व्यापार की तुलना में अधिक द्विपक्षीय व्यापार करना चाहती है। दाऊद ने कच्चे माल पर आयात शुल्क कम करने के लिए आयात व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया ताकि तैयार उत्पाद सस्ते और प्रतिस्पर्धी हो जाएं।
उन्होंने पाकिस्तानी कंपनियों के आधुनिक समय की जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त सक्षम नहीं होने के समिति के अध्यक्ष अहमद खान के सवाल के जवाब में कहा कि सरकारी ठेकों में सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार की है। हर सौदे में भ्रष्टाचार और बदनीयती है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि इंजीनियरिंग की बुनियाद कमजोर है। दाऊद ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के संभावित फायदों और जोखिमों के बारे में भी बातचीत की।
उन्होंने कहा, 'हमारे उद्योगों को सीपीईसी के औद्योगिक क्षेत्र में सभी जोखिमों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उद्योगों की समुचित सुरक्षा हो।' उन्होंने सीपीईसी के तहत स्थापित एक सौर ऊर्जा संयंत्र का हवाला देते हुए कहा कि उस संयंत्र की सीढ़ियां और फर्नीचर तक चीन से आयात किये गये हैं। यह सही नहीं है। हमें स्थानीय उद्योगों को भी मौका देना चाहिए।' उन्होंने चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते की आलोचना करते हुए कहा कि इस समझौते के तहत चीन को दी जाने वाली रियायत के कारण पाकिस्तान एक व्यापारिक देश बन रहा था।