नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि थलसेना के उन अधिकारियों के लिए उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं है जिन्होंने सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) से जुड़े मामलों पर अपना नजरिया पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने न्यायालय जाने का विकल्प इसलिए चुना क्योंकि उनके मन में चिंता की कुछ भावना है, जिसे वे समझती हैं।
दरअसल, एक असामान्य कदम उठाते हुए थलसेना के करीब 700 अधिकारियों और सैनिकों ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर उससे अनुरोध किया है कि अफ्सपा के तहत सैनिकों के जरिए सही भावना से की गई कार्रवाई के मामलों में उनका संरक्षण किया जाए। उन्होंने इस कानून के कुछ प्रावधानों को कमजोर करने की खबरों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की है। इस कानून के तहत केंद्र की मंजूरी के बगैर सुरक्षा बलों के कर्मियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।