29 Mar 2024, 02:46:30 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » World

इमरान खान की राह में रोड़ा डालेंगे विपरीत धुरी के दो बड़े दल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 13 2018 1:47PM | Updated Date: Aug 13 2018 1:47PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

इस्लामाबाद। क्रिकेट के बाद पाकिस्तान की राजनीति की 'पिच' पर जलवा बिखेरने के बाद सत्ता के सिंहासन पर पहुंचने वाले इमरान खान के खिलाफ संसद में विरोध का बिगुल फूंकने के लिए विपरीत धुरी के दो प्रमुख राजनीतिक दलों ने हाथ मिलाया है। शरीफ परिवार नियंत्रित पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और भुट्टो परिवार की बादशाहत वाले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने 18 अगस्त को  प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे खान के खिलाफ गठबंधन तैयार किया है। पाकिस्तान की राजनीति में विपरीत धुरी माने जाने वाले ये दोनों दल वक्त के तकाजे पर एक हुए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अगर पीएमएल-एन और पीपीपी अपनी एकता बरकरार रख पाती हैं तो वे खान के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं।
 
पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, चुनाव परिणामों में हेराफेरी हुई है और हम संसद के भीतर इस मुद्दे को जोर-शोर से उठायेंगे। पीपीपी के एक नेता ने कहा कि दोनों दल महत्वपूर्ण राजनीतिक एवं विधायी मुद्दों को लेकर अगले कुछ वर्षों तक संसद के भीतर संयुक्त बल के रूप में साथ रहेंगे।खान की अध्यक्षता वाली पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ 272 सदस्यीय राष्ट्रीय संसद के चुनाव में 116 सीटें जीती हैं और कुछ सहयोगी दलों के समर्थन से देश में नयी सरकार के गठन की तैयारी में जुटी है। दूसरी तरफ विपक्षी दलों का दावा है कि पीटीआई को देश की सेना का समर्थन है, हालांकि पीटीआई और सेना ने इस तरह के किसी भी आरोप को खारिज किया है।
 
महाविपक्ष गठन की घोषणा
वर्तमान में पीपीपी का संचालन पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के शौहर आसिफ अली जरदारी एवं पुत्र बिलावल भुट्टो कर रहे हैं, जबकि पीएमएल-एन की बागडोर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ के हाथों है। नवाज शरीज को पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ कर दिया गया था और वह इन दिनों 10 साल के लिए जेल में बंद हैं।
 
पीपीपी और पीएमएल-एन ने छोटे राजनीतिक दलों के समूहों के साथ एक महाविपक्ष गठबंधन का गठन किये जाने की घोषणा की है। गठबंधन ने प्रधानमंत्री और संसद अध्यक्ष के पद के लिए वैकल्पिक उम्मीदवारों के मनोनयन की योजना बनायी है। विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि विपक्षी दल सरकार का गठन कर पाने में सक्षम हैं, क्योंकि उन्हें उन वोटरों के हाथ से निकलने का डर है, जिनके बीच खान लोकप्रिय हैं।
 
मजबूती दिखा सकता है गठबंधन
एक राजनीतिक समीक्षक अली सरवर नकवी ने कहा कि विपक्षी दल गलियों में मजबूती साबित करने में अयोग्य रहे हैं, जबकि खान के आगमन को लेकर काफी उत्सुकता का माहौल रहा। दूसरी तरफ बहुत से लोगों का मानना है कि विपक्षी गठबंधन आने वाले कुछ वर्ष तक संसद में अपनी मौजूदगी को मजबूती दे सकता है और अपनी ताकत दिखा सकता है। वह भी ऐसे समय पर, जब खान की सरकार पहली बार देश का बजट तैयार करेगी और वह अलोकप्रिय खर्चों में संभावित कटौती अथवा करों में वृद्धि करेगी। राजनीतिक समीक्षक गाजी सलाहुद्दीन ने समाचारपत्र 'द न्यूज' के मुताबिक जिस समय नयी सरकार के समक्ष मुश्किलें खड़ी होंगी, विपक्ष मजबूत होगा। विशेषकर तब, जब खान स्वयं अलोकप्रिय हो जायें।
 

 

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »