रियाद। दोनों देशों के बीच यह राजनयिक विवाद एक ट्वीट को लेकर शुरू हुआ। दरअसल कनाडा के मानवाधिकार कार्यकतार्ओं को सऊदी में गिरफ्तार करने की जानकारी ऐमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक ट्वीट कर दी थी। बीते गुरुवार, कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्वीट किया, 'समर बादवी की गिरफ्तारी की जानकारी से काफी चिंतित हूं।
इस मुश्किल घड़ी में कनाडा बादवी के परिवार के साथ है और हम राएफ और समर दोनों की रिहाई की मांग करते हैं।' बता दें कि सऊदी में गिरफ्तार कार्यकतार्ओं में से एक समर बादवी हैं। जो खुद एक जानी-मानी कार्यकर्ता होने के अलावा समर ब्लॉगर राएफ बादवी की बहन भी हैं। राएफ साल 2012 से ही सऊदी की जेल में बंद हैं।
इस ट्वीट के अगले दिन कनाडा की विदेश मंत्री ने फिर एक ट्वीट किया और समर बादवी के साथ ही अन्य मानवाधिकार कार्यकतार्ओं की 'तुरंत रिहाई' की मांग की। इस ट्वीट ने सऊदी सरकार का गुस्सा सामने ला दिया। इसके बाद रविवार को कई ट्वीट्स कर, सऊदी के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के बयान को सऊदी के आंतरिक मामलों में स्पष्ट हस्तक्षेप करार दिया।