इस्लामाबाद। रूस ने हालही में पाकिस्तान के साथ एक ऐसा समझौता किया है जिससे भारत की चिंता बढ़ सकती है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक पाकिस्तान के सैनिक अब रूस के मिलिट्री संस्थानों में प्रशिक्षण लेंगे। दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए यह समझौता किया है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि रूस-पाकिस्तान जॉइंट मिलिट्री कंसलटेटिव कमिटी की मंगलवार को हुई पहली बैठक खत्म होने के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'दोनों देशों ने पाकिस्तानी सैनिकों के रूसी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स में भर्ती को लेकर कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए हैं।' रूस की तरफ से इस बैठक में उप रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेग्जेंडर व फॉमिन शामिल हुए थे जो यहां दो दिवसीय दौरे पर थे।
पाकिस्तान की तरफ से रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जमीर उल हसन शाह ने जेएमसीसी की बैठक में प्रतिनिधित्व किया। इस बैठक से पहले रूसी प्रतिनिधिमंडल ने रावलपिंडी में रक्षा मंत्री से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और बड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जिनमें मध्य पूर्व और अफगानिस्तान की स्थिति का मसला भी शामिल था। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि कर्नल फॉमिन ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।
बता दें कि रूस भारत का सदाबहार दोस्त माना जाता रहा है लेकिन अमेरिका से दूरी के बाद पाकिस्तान, चीन और रूस के करीब आता जा रहा है। पाकिस्तान लगातार रूस के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की कोशिश में है। इसी साल की शुरूआत में तत्कालीन विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मॉस्को का दौरा किया था जिस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी थी। बीते तीन सालों में रूस ने पाकिस्तान को 4 एमआई-35एम लड़ाकू और कार्गो हेलिकॉप्टर दिए हैं।