नई दिल्ली। सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम 'स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)' के स्वास्थ्य लाभों पर डब्ल्यूएचओ ने अपने अध्ययन में कहा है कि इस कार्यक्रम से 2014 और अक्टूबर, 2019 के बीच तीन लाख से अधिक लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया जाएगा। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के अनुरोध पर डब्ल्यूएचओ ने एसबीएम के स्वास्थ्य लाभों का मूल्यांकन करने के लिए यह अध्ययन किया है।
यहां 'प्रसार कार्यशाला' में जारी अध्ययन में पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता सेवाओं, व्यक्तिगत स्वच्छता में सुधार का सबूत मिला जिसका सकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव रहा। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ रिचर्ड जॉनस्टन ने कहा कि अनुमान है कि 'स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)' से 2014 और अक्तूबर, 2019 के बीच तीन लाख से अधिक लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया जाएगा।
रिचर्ड ने कहा कि 2014 में स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने से पहले स्वच्छता नहीं होने से हर साल डायरिया के 19.9 करोड़ मामले सामने आते थे। ये धीरे धीरे घट रहे हैं और अक्तूबर, 2019 तक सुरक्षित स्वच्छता सुविधाओं का यूनिवर्सल इस्तेमाल पूरा हो जाने से इसका पूरी तरह सफाया हो जाएगा।