लंदन। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने एक ट्वीट कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होकर अमेरिका ने ही बातचीत खत्म की है जिसके लिए उसे स्वयं को दोषी ठहराना चाहिए। जरीफ ने ट्वीट किया, 'अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होकर दोनों देशों के बीच बातचीत खत्म करने के लिए अमेरिका केवल खुद को ही दोषी ठहरा सकता है।'
इससे पहले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बिना किसी शर्त ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी। ट्रम्प ने कहा कि ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए वह बिना किसी शर्त के ईरान के नेता से मिलने के लिए तैयार हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था, 'यदि वे मिलना चाहते हैं तो मैं निश्चित रूप से ईरान के नेता से मिलूंगा। मुझे नहीं पता कि वे अभी तैयार हैं। मैंने ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग किया। वह एक बेतुका समझौता था। मुझे विश्वास है कि वे शायद मिलना चाहते हैं और मैं किसी भी समय मिलने के लिए तैयार हूं।'
बातचीत की पेशकश खारिज
इसी बीच, ईरान की शक्तिशाली सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तेहरान के साथ बातचीत की पेशकश को खारिज कर दिया है। ईरान की फार्स समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने कहा, 'श्री ट्रम्प। ईरान उत्तर कोरिया नहीं है जो बैठक के लिए आपके प्रस्ताव को स्वीकार कर ले। आपके बाद बनने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति भी वो दिन नहीं देख पायेंगे।'
अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तल्ख हुए हैं। मई में ट्रम्प ने इस अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई को ट्रम्प ने एक ट्वीट कर ईरानी राष्ट्रपति को चेतावनी देते हुए कहा, 'अमेरिका को कभी भी धमकी न दें अथवा आप ऐसे परिणामों का सामना करेंगे, जिससे अब तक इतिहास में कुछ ही पीड़ित हुए हैं। अब हम एक ऐसा देश नहीं हैं जो हिंसा और मृत्यु के आपके विक्षिप्त शब्दों के लिए खड़े रहेंगे। सचेत रहो।'
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी एक ट्वीट कर अमेरिकी राष्ट्रपति को चेतावनी दी थी कि अमेरिका ईरान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीतियां न अपनाये अन्यथा 'ईरान के साथ युद्ध नहीं महायुद्ध' के लिए तैयार रहे।