बैंकॉक। लाओस में सोमवार को एक निर्माणाधीन हाइड्रोपावर बांध के ध्वस्त हो जाने से सैंकड़ों को लोग लापता हो गए हैं। इस घटना में कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। जलस्तर बढ़ते ही बांध टूट गया और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। बांध का कमर्शल आॅपरेशन 2019 में शुरू होने वाला था। इससे पैदा होने वाली बिजली का 90 प्रतिशत थाइलैंड को निर्यात किया जाने वाला था।
एबीसी लाओस न्यूज में मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने सैन साई जिले में लोगों के बचाने के लिए नाव लाएं हैं जहां जिपियान-जी नैम नॉय हाइड्रोपावर बांध स्थित था। बांध बना रही कंपनी का कहना है कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण यह टूटा है और वह ग्रामीणों को बचाने के लिए लाओस सरकार का सहयोग कर रही है। एसके इंजिनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन के प्रवक्ता ने बताया, 'हम आपातकालीन टीम भेज रहे हैं और बांध के नजदीक मौजूद ग्रामीणों को बचाने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की योजना बना रहे हैं।'
बांध सोमवार रात 8 बजे टूटा जिससे 5 अरब क्युबिक मीटर पानी फैल गया और जिसमें सैंकड़ों लोग लापता हो गए और मकान बह गए। लाओस अपने बांध के जरिए पड़ोसी देशों को बिजली बेच कर 'बैटरी आॅफ एशिया' बनना चाह रहा है। पर्यावरण से जुड़े संगठनों ने लाओस के हाइड्रोपावर से जुड़ी महात्वाकांक्षा को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इससे मेकॉन्ग नदी, ग्रामीण समुदाय और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।