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बांग्लादेश में शरणार्थी बने 9 लाख रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी मुश्किल: यूएन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 25 2018 10:59AM | Updated Date: Jul 25 2018 11:00AM
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ढाका। म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीनी श्रैनर बर्गनर का कहना है कि बांग्लादेश में फंसे म्यांमार के 9,00,000 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी में अभी समय लगेगा। क्रिस्टीनी ने रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति पर सोमवार को 15वें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि यह इतनी जल्दी ठीक नहीं हो सकता।
 
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के विशेष दूत ने कहा कि उन्होंने पद संभालने के बाद से म्यांमार में जटिल परिस्थितियों की एक समग्र तस्वीर का खाका खींचने के लिए कई लोगों से मुलाकात की है। संरा की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, 10 लाख से अधिक अल्पसंख्यक रोहिंग्याओं को म्यांमार के उत्तरी राखिने राज्य में अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा था। क्रिस्टीनी ने कहा कि म्यांमार के दो दौरों के दौरान उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे पर म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ शांति सम्मेलन में भाग लिया और विशेष रूप से दक्षिणी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में शरणार्थी शिविर का दौरा किया था।
 
गौरतलब है कि बीते माह ही संयुक्त राष्ट्र की एक शीर्ष राजनयिक ने कहा था कि म्यांमार को रोहिंग्या संकट के अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़े करना चाहिए, जिसकी वजह से अगस्त 2017 से मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लाखों लोगों को बांग्लादेश पलायन करना पड़ा है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की विशेष राजनयिक क्रिस्टीन स्क्रैनर बर्गनर ने गुरुवार देर शाम एक बयान में कहा कि जवाबदेही से रखाइन राज्य में वास्तविक तौर पर मेल-जोल हो सकेगा।
 
रखाइन सदियों से रोहिंग्या का घर रहा है। रखाइन क्षेत्र में म्यांमार सेना द्वारा बीते साल 25 अगस्त को आक्रामक कार्रवाई के बाद 700,000 से ज्यादा रोहिंग्या सीमा पार चले गए। सेना ने यह कार्रवाई रोहिंग्या विद्रोहियों के सरकारी चौकियों पर किए गए हमलों के बाद की थी। बर्गनर ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की, सेना प्रमुख, मिन आंग हलिंग व दूसरे सरकारी प्रतिनिधियों से दौरे के दौरान मुलाकात की। यह दौरा मंगलवार को शुरू हुआ और गुरुवार को समाप्त हुआ। बर्गनर ने म्यांमार से संकट की जांच के लिए एक विश्वसनीय जांच का आग्रह किया और स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्ताओं के सहयोग की पेशकश की।
 
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