नई दिल्ली। भारत के केंद्रीय कानून और न्यायमंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत को दिल में रखकर काम करती है। प्रसाद ने ये भी कहा कि बीजेपी को मुसलमानों के ज्यादा वोट नहीं मिले हैं। भले ही मुसलमानों ने उन्हें वोट ना किया हो लेकिन उनकी सरकार हमेशा मुसलमानों के विकास के लिए काम करती रही है। एक कार्यक्रम में कानून मंत्री ने दावा किया कि उनकी पार्टी के खिलाफ चलाए गए तीखे अभियानों की वजह से ही मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं करते।
उनकी सरकार के विकास की वजह से ही जनता ने उन्हें हर बार जिताया है। उन्होंने अपनी सरकार की चलाई कई योजनाएं भी गिनाईं। लेकिन हाल में हुए कर्नाटक चुनावों में बीजेपी के एक नेता का बयान उनके इन दावों पर सवाल खड़े करता है। एक चुनावी सभा में बीजेपी नेता संजय पाटिल ने कहा था कि इस चुनाव के मुद्दे सड़क, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है बल्कि ये चुनाव हिंदू बनाम मुस्लिम है।इस सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, पार्टी से जुड़े एक व्यक्ति के बयान को पूरी पार्टी की विचारधारा बताना सही नहीं है।उन्होंने कहा, हमारी सरकार विकास करने आई है और लोगों का वोट भी विकास के नाम पर ही मिला है।
प्रसाद ने कहा, कश्मीर की आजाद आवाज और राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के मामले में एमनेस्टी इंटरनेशनल चुप रहा। वो इसलिए चुप रहा क्योंकि बुखारी की हत्या चरमपंथियों ने की थी। भारतीय सेना के एक बहादुर जवान औरंगजेब की ईद के ठीक पहले चरमपंथियों ने हत्या कर दी, तब भी एमनेस्टी इंटरनेशनल चुप रहा। एमनेस्टी इंटरनेशनल चरमपंथ से पीड़ित भारतीयों के मानवाधिकारों को लेकर चुप्पी साध लेता है। ये भेदभाव-पूर्ण रवैया जगजाहिर है।
चुप नही हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री चुप नहीं है और वह एक जनसभा में ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए बोल चुके हैं कि उन्हें मत मारो, हिम्मत है तो मुझपर हमला करो।उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामलों में हमलावरों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
लिंचिंग के शिकार मुसलमानों को इंसाफ कब?
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक गौहत्या और बीफ रखने के शक में अप्रैल 2017 से अब तक कम से कम 10 मुसलमानों को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला है।एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक इनमें से कई मामलों में बीजेपी के गौरक्षा के अभियान से प्रोत्साहित गौ रक्षकों का हाथ था।इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी संस्था की रिपोर्टों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के मानवाधिकार सम्बन्धी मामलों में एमनेस्टी इंटरनेशनल का रुख हमेशा भेदभाव पूर्ण रहा है।