नई दिल्ली। हिंदी के प्रख्यात कवि और गीतकार गोपाल दास सक्सेना (नीरज) का 94 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। गोपालदास नीरज लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मंगलवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके चलते उन्हें आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत बिगड़ने के बाद गोपाल दास नीरज को दिल्ली के एम्स अस्पताल में लाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। गोपालदास नीरज समान रूप से बॉलीवुड फिल्मों में, हिंदी साहित्य में और मंचीय कवि के रूप में प्रसिद्ध रहे।
अपने बारे में नीरज कहते रहे
इतने बदनाम हुए हम तो इस जमाने में, लगेंगी आपको सदियां हमें भुलाने में। न पीने का सलीका न पिलाने का शऊर, ऐसे भी लोग चले आए हैं मयखाने में॥
मजहब कोई ऐसा...
अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए। जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए। जिसकी खुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर फूल इस किस्म का हर सिम्त खिलाया जाए। आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी कोई बतलाए कहां जाके नहाया जाए। प्यार का खून हुआ क्यों ये समझने के लिए हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए। मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा मैं रहूं भूखा तो तुझसे भी न खाया जाए। जिस्म दो होके भी दिल एक हों अपने ऐसे मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए। गीत उन्मन है, गजल चुप है, रूबाई है दुखी ऐसे माहौल में नीरज को बुलाया जाए।
नीरज के हिट गाने
- काल का पहिया घूमे
- रे भइया। (चन्दा और बिजली)
- बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं (पहचान)
- ए भाई! जरा देख के चलो (मेरा नाम जोकर)
- फूलों के रंग से (प्रेम-पुजारी)
- शरारत करने को ललचाए रे... (शर्मीली)
- शोखियों में घोला जाए (प्रेम-पुजारी)