नई दिल्ली। झारखंड के पाकुड़ में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर पीटा। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए और हाथापाई की। जानकारी के मुताबिक अग्निवेश पर हमला करने वालों में एबीवीपी के लोग भी शामिल थे।
...और फिर शुरू कर दी मारपीट
पाकुड़ में पहाड़िया महा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अग्निवेश पहुंचे थे। इस दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश का विरोध किया। पहले उन्हें काले झंडे दिखाए गए और नारेबाजी की गई। माहौल गर्माने के बाद कुछ आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने अग्निवेश के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट की इस घटना में स्वामी अग्निवेश के कपड़े फट गए। दरअसल अग्निवेश के पाकुड़ दौरे का बीजेपी के कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे।
स्वामी अग्निवेश के बयान से नाराज थे लोग
दरअसल स्वामी अग्निवेश ने गोमांस को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। अग्निवेश ने कहा था कि गोमांस खाना चाहिए। इस बयान से भाजयुमो और एबीवीपी के कार्यकर्ता नाराज हैं। इनका आरोप है कि स्वामी अग्निवेश ईसाई मिशनरियों और पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं। घटना उस वक्त हुई जब स्वामी अग्निवेश होटल से निकले ही थी। योजनाबद्ध तरीके से कार्यकर्ताओं ने अग्निवेश का विरोध किया। इसके बाद ये विरोध आक्रोश में तब्दील हो गया।
मैं झारखंड को शांतिपूर्ण राज्य समझता था
घटना के बाद अग्निवेश ने कहा - जैसे ही मैं कार्यक्रम स्थल से बाहर आया भाजयुमो और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बिना वजह मुझ पर हमला कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मैं हिन्दुओं के खिलाफ बोल रहा हूं। उन्होंने कहा - मैं समझता था कि झारखंड एक शांतिपूर्ण राज्य है लेकिन इस घटना के बाद मेरे विचार बदल गए हैं।
वीडियो भी हुआ वायरल
इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिमसें भीड़ सामाजिक कार्यकर्ता और उनके समर्थकों को पीटते हुए दिख रही है। घटना के बारे में पूछने पर , पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद बर्नवाल ने कहा कि जिले में अग्निवेश के कार्यक्रम को लेकर उनके पास पहले से जानकारी नहीं थी।
कौन हैं स्वामी अग्निवेश
छत्तीसगढ़ के सक्ति में जन्मे स्वामी अग्निवेश ने कोलकाता से कानून और बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। इसके बाद वे आर्य समाजी हो गए और संन्यास ग्रहण कर लिया। इस दौरान 1968 में उन्होंने आर्य सभा नाम की राजनीतिक पार्टी बनाई। बाद में साल 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। वे राजनीति में भी सक्रिय रहे। हरियाणा से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री बने। लेकिन, वहां मजदूरों पर लाठीचार्ज की एक घटना के बाद उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया और राजनीति को अलविदा कह दिया। उनपर सलवा जुडूम से जुड़े लोगों ने भी बस्तर में हमला किया था। तब उन्हें वहां से भागना पड़ा था।