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सालाना 10% फीस बढ़ा सकेंगे स्कूल, केंद्र सरकार तय कर सकती है सीमा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 15 2018 1:13PM | Updated Date: Jul 15 2018 1:14PM
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नई दिल्ली। केंद्र स्कूल फीस बढ़ोतरी पर अधिकतम 10 फीसदी की सालाना सीमा तय कर सकती है। एक सरकारी आयोग के निजी और सहायता रहित स्कूलों की फीस वृद्धि पर 10 फीसदी का सालाना सीमा का सुझाव देने की संभावना है। इसमें सीमा का उल्लंघन करने की स्थिति में जुमार्ना लगाने के प्रावधान भी हो सकते हैं। मुद्दे से परिचित दो अधिकारियों ने  कहा, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) एक सिफारिश तैयार कर रहा है, जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपा जाएगा। स्कूल फीस तय करना राज्य सरकारों के अधिकार में है, लेकिन सहायता रहित स्कूलों के लिए मानक फीस नीति नहीं होने से केंद्रीय नियमन के लिए मांग उठती रही है।
 
देश के अनेक शहरों में निजी और सहायता रहित स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों के अभिभावकों को विरोध प्रदर्शन करते देखा गया है। दिल्ली और मुंबई के निजी स्कूलों में बीते साल 10 से 40 फीसदी तक की फीस बढ़ोतरी की गई। गौरतलब है कि ऐसे स्कूलों को सरकार से कोई अनुदान नहीं मिलता। उन्हें अपने लिए राजस्व खुद अर्जित करना पड़ता है। 
 
छात्रों के माता-पिता की शिकायतों को देखते हुए देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय एनसीपीसीआर ने सहायता रहित निजी स्कूलों का एक समान फीस ढांचा तैयार करने से संबंधित नियम तैयार किए हैं। यह स्कूलों में फीस वृद्धि की निगरानी के लिए राज्यों में जिला शुल्क नियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव देगा।
 
निजी स्कूलों का हाल
3.50 लाख निजी और सहायता रहित स्कूल हैं देश में
4 फीसदी है यह देश के तमाम स्कूलों की संख्या का
7.5 करोड़ के लगभग बच्चे पढ़ते हैं इन स्कूलों में 
38 फीसदी ठहरती है यह तादाद कुल स्कूली बच्चों की 
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