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चार साल में शिक्षा के विकास के लिए 33 नए कदम: जावड़ेकर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 18 2018 5:05PM | Updated Date: Jun 18 2018 5:05PM
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नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर ने  मोदी  सरकार के  चार साल के कार्यकाल में  शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल  परिवर्तन  लाने  के लिए उठाये  गए  33 नए  कदमों  का जिक्र  करते हुए कहा है कि नई शिक्षा नीति का 'जीरो ड्राफ्ट' (आधारभूत मसौदा)  तैयार हो गया है और इस साल के अंत तक उसका अंतिम  मसौदा  आ जाएगा। जावड़ेकर ने सोमवार को यहाँ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की  चार सालों की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र  में क्रांतिकारी परिवर्तन लाये गए हैं और 33 नए प्रयास किये गए हैं तथा 80 संस्थानों को स्वायत्तता भी प्रदान की गयी है और उच्च  शिक्षा के क्षेत्र में शोध  कार्यों को भी बढ़ावा दिया गया है। उनकी गुणवत्ता भी बढ़ाई गयी  है और 'सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा' को ध्येय वाक्य बनाया गया है। इतना ही नहीं संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए कार्यक्रमों को भी मजबूत बनाया गया है और इन योजनाओं पर पहले से अधिक धन खर्च किया गया है। उन्होंने चार साल की उपलब्धियों में लड़कियों के लिए अलग शौचालयों के निर्माण, लर्निंग आउटकम से लेकर शिक्षकों के प्रशिक्षण डिजिटल बोर्ड राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी और ई-पाठशाला  भारतीय  प्रबंधन संस्थाओं की स्वायत्तता नई आईआईटी के निर्माण आदि का भी जिक्र किया।

 
यह कहे  जाने पर कि उनकी सरकार  जब सत्ता  में आयी थी तब उसने नयी शिक्षा नीति को तैयार करने का वादा किया था लेकिन चार साल में नयी शिक्षा नीति नहीं बन सकी और अब तो चुनावी वर्ष भी सामने आ गया  है,  जावड़ेकर  ने कहा कि नयी शिक्षा नीति का जीरो ड्राफ्ट  तैयार हो गया है और अब उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। मसौदे को विशेष समिति से अनुमति मिलने के बाद उसे इस साल के अंत तक तैयार कर लिया जायेगा। 
 
उन्होंने बताया कि नो डिटेंशन पालिसी को खत्म कर अगले साल से पांचवी और आठवीं की  भी बोर्ड  परीक्षा शुरू हो जायेगी  और इसके लिए एक विधेयक संसद के मानसून सत्र में पारित हो जायेगा।  इस सम्बन्ध में स्थाई समिति की रिपोर्ट आ गयी है। उन्होंने बताया कि 25 राज्य बोर्ड भी इन  परीक्षाओं के पक्ष में हैं जबकि केवल चार ही असहमत  हैं। अगले वर्ष मार्च में इन बोर्डों की पहली परीक्षा भी होगी।   जावड़ेकर बताया कि अगले साल से बी ए प्रोफेशनल,  बी एस सी प्रोफेशनल कोर्स  की पढ़ाई शुरू होगी और इसमें एक हज़ार घंटे का कौशल विकास और 250 घंटे का आयी सी टी कार्यक्रम भी शामिल होगा। 
 
उन्होंने बताया कि स्कूली  पाठ्यक्रमों को हल्का  बनाने का भी काम किया जा रहा है और इस बारे में  37 हज़ार सुझाव आये हैं, एवं 2019 से नए पाठ्यक्रम लागू हो जायेंगे क्योंकि अभी पाठ्यक्रम का बोझ इतना है कि छात्रों को न तो खेलने और न मूल्य आधारित शिक्षा और न जीवन कौशल तथा अनुभव आधारित शिक्षा का अवसर छात्रों को मिल पाता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के दूसरे चरण में  देश  के 115 जिलों में 70 नए मॉडल कालेज खोले जायेंगे और 75 कालेजों को विकसित किया जायेगा। इसके अलावा शोध को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में 2400 अटल  टैंक ंिरग लैब खोलने की मंजूरी दी गयी है जिनमें से चार महीने में 1400 अटल टैंकंिरग लैब खोले जायेंगे। 
 
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