नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की ठीक से जांच न किए जाने के संबंध में दोषी एजी पेरारिवलन की याचिका की सुनवाई एक माह के लिए टाल दी है।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने उस वक्त मामले की सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी, जब केंद्र सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि हत्याकांड का जांच अधिकारी अस्पताल में भर्ती है। पेरारिवलन ने अपनी याचिका में कहा है कि जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मल्टी-डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी ने हत्याकांड के व्यापक पहलुओं की जांच नहीं की है।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने मई 1999 में राजीव गांधी की हत्या की साजिश रचने में चार दोषियों पेरारिवलन, सान्थन, मुरुगुन और नलिनी को फांसी की सजा सुनवाई थी। हालांकि बाद में तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल ने वर्ष 2000 में तमिलनाडु सरकार की संस्तुति पर और कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की अपील पर नलनी की फांसी उम्रकैद में तब्दील कर दी थी।