नई दिल्ली। कांग्रेस ने रेल मंत्री पीयूष गोयल पर नियमों का उल्लंघन कर बैंकों को चूना लगाने वाली कंपनी शिरडी इंडस्ट्रीज लिमिटेड से संबंध होने का आरोप लगाया और इसे बड़ा घोटाला बताते हुए इसकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि गोयल को पद से हटाया जाना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, वीरप्पा मोइली तथा पवन खेड़ा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गोयल के संबंध शिरडी इंडस्ट्रीज से रहे हैं।
गोयल 25 जुलाई 2008 से एक जुलाई 2010 तक शिरडी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्णकालिक अध्यक्ष तथा निदेशक रहे। इस अवधि में इस कंपनी ने बैंकों से 258.62 करोड रुपए का कर्ज लिया। कंपनी ने आठ जून 2015 को खुद को बीमार घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी का खुद को बीमार घोषित करने का मतलब है कि वह बैंकों से लिया हुआ कर्ज लौटाने की स्थिति में नहीं है। आश्चर्य की बात यह है कि खुद बैंक का कर्ज नहीं लौटा पाने वाली शिरडी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी एसिस इंडस्ट्रीज ने गोयल की पत्नी सीमा गोयल की कंपनी इंटरकॉन एडवाईजर्स प्राइवेट लिमिटेड को 1.59 करोड रुपए का असुरक्षित कर्ज बैंकों से दिलाया।
गोयल 2013 तक इस कंपनी के भी निदेशक रहे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि शिरडी इंडस्ट्रीज के मालिक राकेश अग्रवाल और मुकेश बंसल ने सरकार को बताया कि उन पर बैंकों के कांर्सोशियम का 651.87 करोड रुपए बकाया है। आश्चर्य की बात यह है कि बैंकों के कंर्सोसियम ने इस कंपनी के 651.87 करोड रुपए के कर्ज का 65 प्रतिशत माफ कर दिये और 173.85 करोड का भुगतान मार्च 2022 तक तथा शेष राशि का भुगतान मार्च 2024 तक करने को कह दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनता के पैसे की लूट केंद्रीय मंत्री के इशारे पर हुई है। यह बहुत बड़ा घोटाला है और इसकी जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करायी जानी चाहिए और गोयल को जांच पूरी होने तक इस्तीफा देना चाहिए और यदि वे खुद नहीं हटते हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।