मुंबई। धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भुगतान सेवा कंपनी एटम टेक्नोलॉजीज ने एक ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिससे डेबिट या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने के बाद ग्राहक कार्ड को स्वयं आॅफ कर सकता है और फिर इस्तेमाल से पहले खुद आॅन कर सकता है। इससे कार्ड कहीं खो जाने पर या उसका डाटा क्लोन कर खाते से पैसे निकाले जाने की आशंका लगभग समाप्त हो जाएगी। कार्ड आॅन-आॅफ करने के लिए ग्राहक मोबाइल ऐप या चैट और वॉयस वाली बॉट सेवा का इस्तेमाल कर सकता है।
एटम टेक्नोलॉजीज द्वारा गुरुवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि 21 दिसंबर 2017 तक क्रेडिट और डेबिट कार्ड से धोखाधड़ी के 25,800 मामले सामने आये थे, जिनमें ग्राहकों को 179 करोड़ रुपए का चूना लगा है। इस डर से भारतीय ग्राहकों का बड़ा तबका डिजिटल भुगतान को अपनाने से कतरा रहा है। उसने बताया कि ई-शील्ड नामक यह प्रौद्योगिकी आॅस्ट्रेलियाई प्रौद्योगिकी कंपनी के साथ मिलकर तैयार की गयी है और भारत में यह पहली बार होगा जब ग्राहकों को अपने कार्ड को आॅन-आॅफ करने की स्वतंत्रता मिल जायेगी। एक बार कार्ड आॅफ कर देने पर इंटरनेट बैंंिकग, एटीएम, पीओएस मशीन या अन्य किसी माध्यम से भी भुगतान नहीं हो सकेगा।
एटम टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवांग नेरल्ला ने बताया कि धोखाधड़ी रोकने वाली यह प्रौद्योगिकी एक तरफ लेनदेन का नियंत्रण ग्राहकों के हाथों में सौंपकर उन्हें सशक्त बनाती है तो दूसरी तरफ बैंकों की भी चिंता और जिम्मेदारियाँ कम करती है जिससे सुरक्षा पर उनकी लागत कम होती है।