वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी के सुल्तान मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात के बाद एक ऐसा बयान दिया, जो उनके आलोचकों को काफी अजीबोगरीब लग सकता है। ट्रंप ने कहा कि सऊदी एक अमीर देश है और उसे अपनी दौलत अमेरिका के साथ भी बांटना चाहिए। ट्रंप का इशारा दरअसल सऊदी के साथ हथियारों की डील की तरफ था। उनका कहना था कि हथियार खरीदकर सऊदी अपनी दौलत अमेरिका के साथ बांट सकता है।
ट्रंप के मुताबिक सऊदी अरब को अमेरिका से अधिकाधिक हथियार खरीदना चाहिए, ताकि यमन में चल रहे युद्ध में अमेरिका की भूमिका कम हो। अमेरिका के कई शहर में इस समय सऊदी की अगुआई वाली सेना की वजह से यमन में मानवाधिकार संकट पैदा होने का हवाला देते हुए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सुलतान से मुलाकात कर सबसे पहले ट्रंप ने अमेरिकी हथियारों की बिक्री को लेकर जोर दिया। उन्होंने सुलतान से कहा सऊदी अरब अमेरिका के साथ करीब 12.5 बिलियन डॉलर की डील को मंजूरी दें।
हथियारों के मामले में अमेरिका सबसे अव्वल
ट्रंप ने कहा अगर मिसाइल, वॉर प्लेन और बाकी मिलिट्री इक्विपमेंट्स की बात की जाए तो दुनिया में कोई भी देश अमेरिका की बराबरी नहीं कर सकता। टेक्नोलॉजी और क्वालिटी में अभी अमेरिका को कोई छू भी नहीं सकता और सऊदी अरब इस बात की प्रशंसा करता है। गौरतलब है सीनेटर माइक ली और बर्नी सांडर्स समेत कुछ अन्य अमेरिकी सीनेटर्स ने फरवरी में एक बिल जारी किया था, जिसमें अमेरिकी सेनाओं को यमन से बुलाने की मांग की गई थी। यमन के घरेलू युद्ध में अमेरिका इंटेलिजेंस और वॉर प्लेन की रि-फ्यूलिंग में मदद कर रहा है। अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पक्ष लेते हुए यमन में सैन्य अभियान चला रही सऊदी सेना को अमेरिकी सैन्य सहायता जारी रखने के फैसले को समर्थन दिया।