कांग्रेस नेता राहुल गांधी विदेश में एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक युवक के परिवार से मिलने शुक्रवार को हरियाणा में करनाल जिले के एक गांव पहुंचे। घायल युवक अमित के परिजन ने बताया कि गांधी ने अमेरिका की अपनी हालिया यात्रा के दौरान अमित से मुलाकात की थी। करनाल में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने बताया कि गांधी की इस यात्रा की उन्हें पहले से कोई जानकारी नहीं थी और उनके घोगरीपुर गांव पहुंचने के बाद ही उन्हें इस बारे में पता चला। गांधी घायल युवक के परिवार से मिलने ऐसे समय में हरियाणा गए हैं जब 15 दिन बाद पांच अक्टूबर को राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इन चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सत्ता छीनने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं और बेरोजगारी को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। अमित के भाई अजीत ने गांव में मीडियाकर्मियों से कहा कि गांधी सुबह करीब छह बजे उनके घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पड़ोस के कुछ परिवार भी इस दौरान मौजूद थे। अजीत ने कहा, ‘‘मेरा छोटा भाई अमेरिका में रहता है। हमारा परिवार गरीब है। अमित कुछ महीने पहले हादसे का शिकार हो गया था। इस समय उसकी हालत बहुत खराब है। वह ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहा और कई परेशानियां झेल रहा है। राहुल जी ने उससे अमेरिका में मुलाकात की थी और कहा था कि वह उसके परिवार से मिलेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अमित आजीविका की तलाश में अमेरिका गया था और परिवार ने उसे विदेश भेजने के लिए अपनी जमीन बेची थी एवं अपना घर गिरवी रख दिया था। अजीत ने कहा कि गांधी ने उन्हें इस कठिन समय में मदद करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें बताया कि अमित आजीविका कमाने के लिए एक साल पहले विदेश गया था। राहुल जी ने खेती के बारे में भी बात की और बेरोजगारी के बारे में पूछा। वहां कुछ और परिवार भी मौजूद थे।’’ अमित की मां भीममती ने कहा कि गांधी लगभग 90 मिनट तक उनके घर पर थे और उन्होंने उन्हें चाय परोसी। उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान हमने अमित से भी वीडियो कॉल के जरिए बात की।’’ कुछ ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कई युवा आजीविका के लिए विदेश गए हैं। राहुल गांधी पहले भी हरियाणा का अचानक दौरा कर चुके हैं। कांग्रेस नेता करीब एक साल पहले सोनीपत जिले के मदीना गांव में रुके थे। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत की थी और खेतों पर काम करने वाले किसानों के साथ समय बिताया था। उन्होंने धान की बुआई के काम में मदद की थी, ट्रैक्टर चलाया था और खेतों में काम करने वाली महिला मजदूरों द्वारा लाया गया खाना खाया था।