कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के गैरजिम्मेदाराना बयान और बेतुकी कार्रवाई ने भारत-कनाडा के रिश्तों को बेहद खराब दौर में पहुंचा दिया है. एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या का आरोप भारत पर लगाकर जस्टिन ट्रूडो ने एक बहुत बड़ी गलती तो कर दी है. ट्रूडो के इस राजनीतिक बयान के बाद से अब तक भारत ने कनाडा के खिलाफ पांच बड़ी कार्रवाई की हैं.
भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर उसे खालिस्तानियों पर कार्रवाई की नसीहत दी है. उसने कनाडा के राजनयिक को निकाल कर वहां से निकाले गए भारत के राजनयिक का हिसाब बराबर किया. आज जो बड़ा कदम उठाया गया वो ये कि कनाडा के नागरिकों के लिए भारत का वीजा बंद कर दिया है. NIA ने 43 गैंगस्टर्स की लिस्ट जारी कर उनमें से कनाडा में बैठे बदमाशों की जानकारी मांगी है. कनाडा में भारतीयों को एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने को कहा है.
इन एक्शन को विस्तार से समझने से पहले इस पूरे विवाद की जड़ पर एक नजर डालते हैं. दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को दिए बयान से हुई. ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की बात कही थी. उन्होंने कहा था, 'कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह अस्वीकार्य है.'