नई दिल्ली। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि इस वर्ष अप्रैल तक केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना कर दी जायेगी। पासवान ने यहां औद्योगिक संगठनों के साथ इस बारे में चर्चा करने के बाद संवाददाताओं को बताया कि यह प्राधिकरण उपभोक्ता अधिकारों से संबंधित सभी मामलों को देखेगा जिसमें भ्रामक विज्ञापन और मिलावटी सामान की बिक्री पर जुर्माना लगाना शामिल है। पासवान ने बताया कि प्राधिकरण के अंतर्गत एक शाखा होगी जो सभी मामलों के बारे में जांच करेगी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के नियमों को डेढ़ महीने के अंदर अन्तिम रूप दे दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता विवादों के जल्दी निपटारे के लिए नियमों को सरल बनाया जायेगा। पहले विवादों के निपटारे की प्रक्रिया जटिल थी और अधिक समय लगता था। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक चलने वाली अनावशयक मुकदमेबाजी की रोकथाम के लिए सभी आयोगों में मध्यस्थता की शुरुआत की गई है। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने मध्यस्थता की सराहना करते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं की बेहतर संतुष्टि की दृष्टि से समय और संसाधनों की बचत करने वाली उपयुक्त व्यवस्था है। लम्बे समय तक चलने वाली मुकद्मेबाजी पर रोक लगाने के लिए अधिनियम में अपीलों की संख्या पर पाबंदी लगाने का प्रावधान किया गया है।
पासवान ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सभी लोगों ने सर्वसम्मति से नये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की सराहना की है और सभी ने उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए आपस में मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अपनी स्वझ्रनियामकीय व्यवस्था को मजबूत करने और उपभोक्ता कार्य विभाग को हरसंभव सहायता देने पर भी सहमति जताई। ई-कॉमर्स और डायरेक्ट सेलिंग का नियमन करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, कयोंकि मौजूदा समय में इन सेक्टरों के लिए कोई नियामकीय निकाय नहीं है ।