मॉस्को। विभिन्न मानवाधिकार समूहों ने सोमवार को घोषणा की कि वे सऊदी अरब में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के कारण वहां नागरिक अधिकार सभा सी20 (सिविल 20) की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। सऊदी अरब को फिलहाल जी20 के अध्यक्ष पद की कमान मिली हुई है और इस सप्ताह विश्व नेताओं की वार्षिक बैठक के दौरान नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए सी20 की शुरुआती बैठक की मेजबानी की है। रियाद में नवंबर में जी20 शिखर सम्मेलन होने वाला है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के नेटवर्क सिविकस ने एक बयान जारी कर बैठक को जी20 के मेजबानों द्वारा उनके मानवाधिकार उल्लंघन के खराब रिकॉर्ड पर लीपापोती करने के लिए किया गया हास्यास्पद प्रयास घोषित करते हुए इसकी निंदा की थी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल में रिसर्च एंड एडवोकेसी डायरेक्टर नेटसैनेट बेले ने बयान जारी कर कहा, ‘‘रियाद में सी20 एक धोखा है। हम एक ऐसी प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं जिसमें एक देश शामिल है जो सभी स्वतंत्र भाषणों को सेंसर करता है, महिलाओं, अल्पसंख्यक और समलैंगिक अधिकारों के लिए किये जाने वाले काम का अपराधीकरण करता है, तथा आलोचकों पर अत्याचार करता है और उन्हें मृत्युदंड देता है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब द्वारा अपनी छवि सुधारने के लिए चलाये जा रहे महंगे जनसंपर्क अभियान को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस अभियान की आड़ में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने कहा कि सऊदी अरब के कड़े नियंत्रण वाले मीडिया परिदृश्य के मद्देनजर इस बात की क्या गारंटी है कि सी20 चर्चा सऊदी अरब के सभी लोगों तक कभी नहीं पहुंचेगी।