नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शाहीन बाग में शाम होते-होते जन सैलाब उमड़ पड़ा और एक किलोमीटर तक लोगों की भीड़ जमा हो गई। शाहीन बाग में महिलाएं पिछले करीब एक महीने से दिन-रात सड़क पर प्रदर्शन कर रही हैं। हर दिन देर रात करीब दो बजे तक यहां हजारों की तादाद में लोग महिलाओं के प्रदर्शन में शामिल रहते हैं लेकिन आज छुट्टी का दिन होने के कारण भीड़ अचानक बढ़ गई है। आंदोलन में शामिल कुछ लोगों का कहना है कि रात दस बजे तक लोगों के आने का सिलसिला जारी है और लोगों की संख्या एक लाख के करीब हो सकती है।
एक महिला ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर आन्दोलन को समर्थन देने के लिए यहां पहुंची है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर रात में यहां पहुंचे और आन्दोलनकरियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। उन्होंने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को साहसी बताया। उन्होंने कहा, आप शहर की शान है, भारत देश की जान हैं। पूर्व विदेश मंत्री तथा कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद ने भी यहां पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया और इस नागरिकता कानून को लोगों को बांटने और भेदभाव करने वाला बताया। इसके अलावा कई अन्य नागरिक समाज के लोगों ने यहां पहुंचकर लोगों को संबोधित किया। थरूर इससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचे और कहा कि मोदी सरकार देश की साझा विरासत और गंगा जमुनी तहजीब को तोड़ने की कोशिश में लगी है लेकिन देश की जनता उनकी इस मंशा को पूरा होने नहीं देगी।
उन्होंने जामिया में पुलिस की बर्बरता तथा सीएए और एनआरसी के खिलाफ जारी आंदोलन में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी लड़ाई में हम सब आपके साथ हैं। सरकार एक समुदाय विशेष को अलग थलग करने के लिए कानून लेकर आयी है जिसे हम किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून को भेदभावपूर्ण और अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है।