चेन्नई। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने युवाओं से देश को ऐसा आकार देने का आभान किया जहां भुखमरी से मुक्ति के अलावा जाति,पंथ तथा लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव न हो। नायडू ने रविवार को रामकृष्ण मिशन के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यहां कहा कि स्वामी विकेकानंद की शिक्षा हमारे और देश की समृद्धि लिए हमेशा मार्ग दर्शन के रूप में बना रहेगी। उन्होंने कहा कि विवेकानंद के बताये मार्ग का अनुसरण करके युवाओं को हर तरह से भेदभाव मुक्त भारत बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि युवाओं को शारीरिक रूप से फिट रहने के अलावा देश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाला बनना चाहिए। देश पांच ट्रिलियन की अर्थव्यस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और दुनिया की निगाहें भारत की तरफ है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को महान संस्कृति और विरासत का अवश्य दूत बनना चाहिए क्योंकि वसुधैव कुटुंबकम हमारी संस्कृति का हिस्सा है।