नई दिल्ली। विपक्षी दलों और कुछ संगठनों द्वारा सेना के राजनीतिकरण के आरोपों के बीच नये सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज कहा कि सेना देश के संविधान से बंधी है और उसके मूल्यों की रक्षा के प्रति वचनबद्ध है। करीब दो सप्ताह पहले सेना की बागडोर संभालने वाले जनरल नरवणे की इस टिप्पणी को पूर्व सेना प्रमुख और मौजूदा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के नागरिकता संशोधन कानून और अन्य मुद्दों को लेकर देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बारे में दिये गये बयानों के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जनरल रावत के बयानों के बाद राजनीतिक दलों और संगठनों ने सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगाया था। जनरल नरवणे ने कहा कि सेना देश के संविधान से बंधी है और उसके प्रस्तावना में निहित न्याय, समानता, भाईचारे जैसे मूल्यों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख के तौर पर वह अपनी शुरूआत ‘ए बी सी ’ से करना चाहते हैं और इसमें सबसे पहले सैनिक के तौर पर ईश्वर को साक्षी मानकर ली जाने वाली संविधान की शपथ सबसे पहले आती है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना लोगों की और लोगों के लिए है और उसका कर्तव्य लोगों की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि यदि हम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करेंगे तो हम अपने कर्तव्य का सही तरीके से निर्वहन कर सकेंगे।