नई दिल्ली। राज्यसभा ने विनियोग विधेयक 2019 को गुरूवार को ध्वनिमत से पारित कर लोकसभा को लौटा दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनियोग विधेयक पर करीब दो घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विभिन्न शीर्षों के अंतर्गत दोबारा आवंटन किया जाना है इसलिए सरकार यह विधेयक सदन में लायी है। विधेयक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जो राशि आवंटित की गयी है वह नये शीर्ष के तहत दी जानी है क्योंकि अब यह एक राज्य नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर परिषद में केंद्र और राज्यों के बीच कोई मतभेद नहीं है और जीएसटी का हिस्सा राज्यों को देने को लेकर उनके बीच कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के जीएसटी के उपकर के हिस्से में राज्यों को पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 9783 करोड़ रुपए की राशि ज्यादा दी गयी है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विभाजित कर बनाये गये जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश को राशि दी जानी है।
उन्हें प्रति माह 1,178.50 करोड़ रुपये की दर से 5,892.50 करोड़ रुपये 14वें वित्त आयोग के अनुरूप केंद्र से मिलने वाली हिस्सेदारी के मद में, 725 करोड़ रुपये स्थानीय निकाय अनुदान और 139.50 करोड़ रुपये एसडीआरएफ के मद में दिये जाने हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को यह राशि अलग-अलग शीर्ष में 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर दी गयी है। इसके अलावा नवंबर और दिसंबर महीने के लिए करों में हिस्सेदारी के रूप में 2,063.62 करोड़ रुपये दोनों केंद्रशासित प्रदेशों को देने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने उपभोक्ता खपत को लेकर चिंता जताई है लेकिन उनकी यह चिंता निराधार है क्योंकि खपत बढ़ रही है।