नई दिल्ली। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता को लेकर देश की राजनीति करने का जमाना चला गया है और अब लोग विकास के लिए वोट देते हैं। पासवान ने लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण के प्रावधान को 10 वर्षो के लिए बढाने के प्रावधान वाले संविधान (126 वें संशोधन ) विधेयक 2019 पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कोई नहीं सोचता था कि राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के गठबंधन को वह बुरा नहीं मानते हैं ।
धर्मनिरपेक्षता का जमाना गया , लोग अब विकास चाहते हैं । अब केवल विकास मुद्दा है। पासवान ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण का लाभ दिलाने में ऊंची जाति के लोगों का भारी योगदान रहा है । उन्होंने कहा कि समाज सुधारक दयानंद सरस्वती , विवेकानंद और पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने दलित , शोषित , पीड़ति समाज के पक्ष में आवाज उठाया था । उन्होंने कहा कि वी पी सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कराया था जिसके कारण उन्हें गालियां भी दी गयी थी। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की लडाई हर जाति के लोगों ने लड़ी है और ऊंची जाति के नेताओं ने उसका नेतृत्व किया था । अच्छे कार्यो की प्रशंसा की जानी चाहिये । उन्होंने कहा कि ऊंची जाति के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है यह अच्छी बात है। पासवान ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को राजनीतिक आजादी मिल गयी है लेकिन उसके लिए सामाजिक और आर्थिक क्रांति की जरुरत है ।