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घरेलू रक्षा उद्योग के साथ एक लाख 96,000 करोड़ के 180 से अधिक अनुबंध

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 6 2019 1:43AM | Updated Date: Dec 6 2019 1:44AM
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2014 से अब तक स्वदेशी रक्षा उद्योग के साथ एक लाख 96,000 करोड़ रुपये के 180 से अधिक अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। कुछ अन्य मामलों में स्वदेशी उद्योग के साथ कुछ और अनुबंधों पर भी हस्ताक्षर किये जायेंगे। रक्षा क्षेत्र की जिन परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किये गये हैं उनके  पी 17ए के तहत मिजोरम डॉकयार्ड लिमिटेड के साथ फरवरी 2015 में 45,000 करोड़ रुपये मूल्य के फ्रीगेट निर्माण के लिए अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। 

गोवा शिपयार्ड के साथ भी परियोजना पी 1135.6 के अंतर्गत 14,000 करोड़ रुपये के दो फ्रीगेट के निर्माण के लिए अक्टूबर 2018 में अनुबंध किया गया। वायुसेना के लिए 41 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और भारतीय नौसेना के लिए 32 हेलीकॉप्टर बनाने के लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मार्च 2017 और दिसंबर, 2017 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। इन दोनों का संयुक्त मूल्य 14,100 करोड़ रुपये है। यह फरवरी 2015 में एचएएल के साथ 1100 करोड़ रुपये के 14 ड्रोनियर 228 विमानों की खरीद के लिए किए गए अनुबंध के अतिरिक्त है।

इसी तरह गत अक्टूबर में बीईएल से 6,300 करोड़ रुपये की आकाश मिसाइल प्रणाली के सात स्कवैड्रन तथा 7,900 करोड़ रुपये मूल्य की एकीकृत अग्रणी कमान तथा नियंत्रण प्रणाली खरीदने के लिए अनुबंध किए गए। आयुध निर्माणियों से 19,100 करोड़ रुपये के 464 टी-90एस/एसके टैंकों की आपूर्ति के लिए मंत्रालय द्वारा गत नवंबर में अनुरोध किया गया है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत मेसर्स एलएण्डटी से 100 स्वचालित तोपें 4,300 करोड़ रुपये के मूल्य पर खरीदी जा रही हैं। एयर फील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिकीकरण के लिए भारतीय वेंडरों के माध्यम से अनुबंध करने का कार्य अंतिम चरण में है।

पी-75(1) पंडुब्बियों, नौसेना की उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टर (एनयूएच) तथा भारतीय वायुसेना के लिए 114 लड़ाकू जेट की खरीद की प्रक्रिया अटक जाने के कारण अब इन मामलों में सामरिक साझेदारी के तहत काम किया जा रहा है। इस मॉडल के अंतर्गत मामलों को तेजी से निपटाया जा रहा है। यह पी-75(1) तथा एनयूएच के मामले में प्राप्त अभिरुचि की अभिव्यक्ति से स्पष्ट होता है। ये मामले चयन के अंतिम चरण में हैं, जबकि 114 लड़ाकू विमानों के मामले में एसक्यूआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मेक-कक के अंतर्गत 44 परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार के अंतर्गत 40 से अधिक स्टार्टअप नई प्रौद्योगिकी से संबंधित उत्पादों पर काम कर रहे हैं।

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