नई दिल्ली। प्रदूषण पर दिल्ली-एनसीआर में हालात इमरजेंसी जैसे हैं। दिल्ली में हवा बिगड़ कर ‘बेहद गंभीर’ हो गई और धूल से हालात और भी बेकाबू दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में आज लगातार पांचवें दिन प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली के द्वारका और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के इलाके में एक्यूआई 930 दर्ज किया गया है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में प्रदूषण का स्तर 700 के आसपास है जबकि गुरुग्राम में एक्यूआई 800 के पार पहुंच गया है। इनके अलावा नोएडा और गाजियाबाद में भी औसत एक्यूआई 500 के आसपास है। दिल्ली एनसीआर में इस बढ़े प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली एक बड़ी वजह है तो दूसरी वजह दिल्ली एनसीआर में हवा की कम रफ्तार है। बढ़े प्रदूषण की वजह से पहले ही सभी स्कूल-कॉलेजों को आज तक के लिए बंद रखा गया है।
हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा। पॉल्यूशन से निपटने के उपायों में लापरवाही बरतने के लिए दिल्ली सरकार और नगर निगम को फटकार लगानी पड़ी और इस सबका खामियाजा सिर्फ आप नहीं, आपके बच्चे भी भुगत रहे हैं। लापरवाही चाहे दिल्ली सरकार की हो, हरियाणा और पंजाब सरकार की हो खामियाजा अब बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले पंद्रह दिनों में दूसरी बार दिल्ली एनसीआर में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा है। आज भी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं तो बच्चों को उनकी पढ़ाई का नुकसान तो हो ही रहा है बल्कि जहरीली हवा उनके कल को भी बीमार बना रही है। दिल्ली में प्रदूषण से बिगड़ती हालत पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा 2015 के बाद से पॉल्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है। कोर्ट ने इसकी रोकथाम को लेकर बार-बार गाइडलाइन्स बनाई लेकिन उन्हें फॉलो नहीं किया गया। इसी का नतीजा है कि आज दिल्ली में पॉल्यूशन इतनी बड़ी प्रॉब्लम बन चुका है।