पेरिस। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित यूनेस्को आम सभा के 40वें सम्मेलन के इतर नार्वे, बांग्लादेश, मैक्सिको, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया के शिक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। निशंक ने इससे पहले बुधवार को यूनेस्को में शिक्षा मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक में भी भाग लिया और शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत द्वारा नई परिवर्तनकारी पहल पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा,‘‘हम ई-विज्ञान भारती और आरोग्य भारती के माध्यम से ज्ञान की रोशनी से दुनिया को रोशन कर रहे हैं। अफ्रीकी देशों के साथ हमारे समझौते हैं। हाल ही में, हम अपने सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में 1000 आसियान देशों के छात्रों को अनुसंधान छात्रवृत्ति दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के छात्रों को आकर्षित करने के लिए, हमने 2018 में भारत में अध्ययन शुरू किया, जिसके तहत 2500 छात्रवृत्तियाँ दी जा रही हैं। हमने डियो-इंडिया की शुरुआत की है। नॉर्वे की अनुसंधान और उच्च शिक्षा मंत्री एसेलिन निबो के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में श्री पोखरियाल ने शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच भविष्य के द्विपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने भारतीय शैक्षिक संस्थानों और नॉर्वे के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान के अवसरों पर भी जोर दिया। पोखरियाल ने 2020 की शुरुआत में द्विपक्षीय बैठक के लिए नॉर्वे की मंत्री को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। निशंक ने ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत विभिन्न देशों के विद्यार्थियों को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। थाईलैंड के शिक्षा मंत्री नाताफोल तीपसुवान ने इस बात पर बल दिया कि भारत और थाईलैंड को मिलकर वैश्विक चुनौतियों पर शोध करना चाहिए । उन्होंने ट्वीट कर कहा,‘‘पेरिस स्थित यूनेस्को मुख्यालय में थाईलैंड के शिक्षा मंत्री के साथ अत्यंत सार्थक बैठक हुई। इस दौरान मैंने थाईलैंड और भारतीय शिक्षण संस्थानों के साथ सार्थक सहयोगात्मक शोध को बढ़ावा देने पर बल दिया।’’