बीजिंग। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शिगोऊ ने सोमवार को कहा कि इस बात की आशंका है कि मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि(आईएनएफ) के तहत प्रतिबंधित कम दूरी और मध्यम दूरी तक मारक क्षमता वाली मिसाइलों को अमेरिका प्रशांत क्षेत्र में तैनात कर सकता है और इस कदम से क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है। गौरतलब है कि अमेरिका दो अगस्त को इस संधि से पीछे हट गया था और इसका कारण उसने रूसी उल्लंघन बताया था तथा यह भी कहा था कि चीन इसमें शामिल होने की मजबूरी दर्शा रहा है।
अमेरिका के इस फैसले की रूस और अनेक देशों ने जोरदार निंदा की थी। शिगोऊ ने सुरक्षा मामलों पर नौंवी जियांगशान फोरम को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ इस बात की आशंकाएं है कि उस संधि के तहत पहले जिन मिसाइलों को प्रतिबंधित किया गया था उन्हें अब अमेरिका प्रशांत क्षेत्र में तैनात कर सकता है और इससे तनाव में इजाफा हो सकता है।
ऐसे किसी भी फैसले से हथियारों की दौड़ को अनावश्यक रूप से बढावा मिलेगा और किसी भी तरह की विवाद को बढ़ावा देने वाली घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि जो देश अपनी सीमाओं पर अमेरिकी मिसाइलों को तैनात करने की अनुमति देंगी वे अमेरिकी विदेश नीति की बंधक बन जाएंगे और रूस को इस पर आपत्ति है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम क्षेत्रीय स्थिरता और सभी पक्षों में सहयोग तथा विश्वास को बढ़ावा देने के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं।