नागपुर। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 370 आतंकवाद और अलगाववाद का एक मंच बन गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा देना हटाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा था। कानून मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बाल विवाह निषेध कानून जैसे अन्य कानून वहां लागू नहीं थे। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मुद्दे का महाराष्ट्र में चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। प्रसाद ने व्यंग्यात्मक लहजे में कांग्रेस नेताओं से कहा कि अनुच्छेद 370 की खूबियों को तो बताओ। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, 106 कानून जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए। वीर सावरकर को भारत दिये जाने की महाराष्ट्र भाजपा की मांग पर उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने आजादी के लिए 11 वर्ष जेल में बिताये हों, ऐसे व्यक्ति को भारत रत्न देने के प्रस्ताव का विपक्षी पार्टियां विरोध क्यों कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ‘‘जब भी वह अंडमान जाते हैं तब वह स्वर्गीय वीर सावरकर को सम्मान देना नहीं भूलते। सावरकार को जेल में रखा गया लेकिन उन्हें लिखने के लिए पेन और कागज भी नहीं दिये जाते थे। उन्हें डराने के लिए कुछ लोगों को लटका दिया जाता था। प्रसाद ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और कुछ अन्य नेताओं को भारत रत्न बहुत देर से दिया गया। प्रसाद ने कहा कि केंद्र में भाजपा और महाराष्ट्र में पार्टी राष्ट्रवाद, सुशासन और ईमानदारी के तीन प्रमुख सिद्धांतों का सख्ती से पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्वीकार किया और उनमें से कुछ ने मोदी को शीर्ष राष्ट्रीय सम्मान भी दिया है।
मोदी एक वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं और छह देशों ने उनके शीर्ष नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया है। प्रसाद ने सरदार पटेल को हाशिये पर डालने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि गांधी नेहरू परिवार से हटके जब पी वी नरसिम्हा राव की सरकार 1991 में बनी तब जाकर श्री पटेल को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने महाराष्ट्र में बहुत काम किया है और भाजपा महाराष्ट्र में पूर्ण बहुमत से जीतेगी।