बैरकपुर। पश्चिम बंगाल में बैरकपुर की एक अदालत ने मंगलवार को कोलकाता के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत की याचिका अस्वीकार कर दी। बैरकपुर सत्र न्यायालय ने कहा कि इस याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह मामला दक्षिण 24 परागना से जुड़ा हुआ है। इससे पहले बारासात की निचली अदालत ने कुमार की जमानत याचिका यह कहते हुए अस्वीकार कर दी थी कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके बाद कुमार के वकील ने बैरकपुर के सत्र न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर की थी। वह मौजूदा समय में अपराध जांच विभाग के सहायक महानिदेशक के तौर पर कार्यरत हैं। बारासात अदालत के न्यायाधीश संजीव तालुका ने कुमार के वकील से कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र का नहीं है क्योंकि यह निचली अदालत सांसदों और विधायकों के लिए है।
उन्होंने कुमार के वकील को जिला सत्र न्यायालय में याचिका दायर करने को कहा जिसके बाद उनके वकील ने बैरकपुर सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो के वकीलों ने कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने लिए केस डायरी तैयार कर ली है। सीबीआई ने कुमार पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के शुक्रवार को आदेश के बावजूद शारदा चिटफंड घोटाले की जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पुलिस महानिदेशक समेत राज्य के अधिकारियों से छिपे हुए राजीव कुमार का पता लगाने में मदद भी मांगी थी लेकिन अभी तक पूर्व पुलिस आयुक्त का पता नहीं चल पाया है।
अभी तक सिर्फ इतना ही पता चल पाया है कि राजीव कुमार नौ सितंबर से लेकर 17 दिनों के लिए छुट्टी पर हैं लेकिन जब भी कोई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी छुट्टी पर जाता है तो उसे इस अवधि में अपने रुकने के स्थान और संपर्क के लिए मोबाइल नंबर देना होता है। पिछले चार दिन से शारदा चिट फंड घोटाला मामले में कुमार का पता लगा रही सीबीआई ने सोमवार को इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव को दो और पत्र सौंपे थे। उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने वाले आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा 13 सितंबर को वापस लेने के कुछ ही घंटों बाद सीबीआई ने पूर्व पुलिस आयुक्त को शनिवार सुबह उपस्थित होने के लिए समन जारी किया था।