सैन फ्रांसिस्को। रूस की तर्ज पर चीन भी दुष्प्रचार पर उतर आया है। वह हांगकांग के प्रदर्शनकारियों को लेकर फेसबुक और ट्विटर पर गलत जानकारी दे रहा है। दुनिया की दोनों दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों ने सोमवार को कहा कि हाल में उनके प्लेटफार्म पर चीन में ऐसे कई अकाउंट बनाए गए, जिन पर समन्वित तरीके से हांगकांग के प्रदर्शनकारियों को हिंसक और कट्टरपंथी के तौर पर दिखाया जा रहा है। फेसबुक पर चीन से जुड़े एक अकाउंट पर एक हालिया पोस्ट में प्रदर्शनकारियों को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जोड़ दिया गया। जबकि ट्विटर पर एक संदेश में कहा गया, हम हांगकांग में तुम कट्टरपंथियों को नहीं चाहते। यहां से चले जाओ। फेसबुक और ट्विटर ने बताया कि इन अकाउंट्स को अब बंद कर दिया गया है।
ऐसा पहली बार हुआ, जब इन सोशल मीडिया कंपनियों ने चीन में दुष्प्रचार से जुड़े अकाउंट पर कार्रवाई की। ट्विटर ने कहा, ये अकाउंट जानबूझकर और खासतौर पर हांगकांग में सियासी फूट डालने का प्रयास कर रहे थे। हमारी गहन जांच के आधार पर ऐसे भरोसेमंद साक्ष्य मिले हैं, जो इस बात का समर्थन कर रहे हैं कि यह सरकार समर्थित अभियान है। हांगकांग का हर चौथा नागरिक प्रदर्शनों में शामिल- चीन के नियंत्रण वाले हांगकांग में विवादास्पद प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ गत जून से विरोध प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। इसके आयोजकों का कहना है कि प्रदर्शनों में करीब 17 लाख लोग शामिल हुए। इसका मतलब यह हुआ कि 70 लाख की आबादी वाले इस शहर का लगभग हर चौथा नागरिक इन प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए घर से बाहर निकला।