नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की शोक सभा का आयोजन दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में किया गया। दिवंगत सुषमा स्वराज की शोक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। सुषमा स्वराज की श्रद्धांजलि सभा में पीएम मोदी ने कहा, 'यूएन में मेरा भाषण होना था, मैं पहली बार वहां जा रहा था। सुषमा जी मुझसे पहले पहुंच गई थीं। मैं जब वहां पहुंचा तो मुझे रिसीव करने के लिए वह गेट पर थीं। मैंने कहा कि कल सुबह मुझे बोलना है, इस पर चर्चा कर लेते हैं तो सुषमा जी ने पूछा कि आपका भाषण कहां है? मैंने कहा कि ऐसे ही बोल देंगे, उन्होंने कहा कि अरे भाई ऐसे नहीं होता है, आपको पूरी दुनिया के सामने भारत की बात कहनी है, आप यूं ही नहीं बोल सकते हैं।'
पीएम ने बताया, 'सुषमा जी का बड़ा आग्रह था कि आप कितने ही अच्छे वक्ता क्यों न हों, आपके विचारों में कितनी ही साध्यता क्यों न हो, लेकिन कुछ फोरम होते हैं, जिनकी अपनी मर्यादा होती हैं और वे आवश्यक होती हैं। यह सुषमा जी ने मुझे पहला सबक सिखा दिया था। कहने का मतलब यह है कि जिम्मेदारी जो भी हो, लेकिन जो आवश्यक है उसे बेरोकटोक कहना चाहिए, आपको यकीन नहीं होगा, उन्होंने रात में ही मुझसे स्पीच तैयार करवाई।'
पीएम ने कहा कि सब लोग कहते हैं कि सुषमा जी मृदु थी, नम्र थी, लेकिन इसके साथ ही जरूरत पड़ती थी वह कटु बोलने से भी पीछे नहीं हटती थीं, उन्हें पता है कि कब, कहां और किसे , कैसे जवाब देना है, वो बहुत ही सुलझी हुई और समझदार नेता थीं, जिन्होंने ऐसे ही ना जाने कितने ही उदाहरण अंकित किए हैं। उन्होंने कहा कि "सुषमा जी के व्यक्तित्व के अनेक पहलू थे, जीवन के अनेक पड़ाव थे और भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में एक अनन्य निकट साथी के रूप में काम करते हुए, असंख्य घटनाओं के हम जीवंत साक्षी रहे हैं, पीएम मोदी ने कहा कि सुषमा स्वराज उम्र में उनसे छोटी थीं लेकिन उन्होंने उन्हें बहुत कुछ सिखाया हैं।