नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (आईसीआरआईईआर) ने राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए ब्रॉडबैंड तैयारी सूचकांक (बीआरआई) विकसित करने के उद्देश्य से एक करार किया है। इस संबंध में मंगलवार को दूरसंचार विभाग और आईसीआरआईईआर ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रथम अनुमान वर्ष 2019 में ही जारी किए जाएंगे और इसके बाद वर्ष 2022 तक इस तरह के अनुमान हर साल जारी किए जाएंगे। संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगकी राज्य मंत्री संजय शामराव धोत्रे, डिजिटल संचार आयोग की अध्यक्ष एवं दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन, आईसीआरआईईआर के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रजत कथूरिया और आईसीआरआईईआर में सचिव गीता नायर की मौजूदगी में इस करार पर हस्ताक्षर किए गये। राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) 2018 में ब्रॉडकास्टिंग एवं विद्युत क्षेत्रों की मौजूदा परिसंपत्तियों का उपयोग कर एक सुदृढ़ डिजिटल संचार बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत को रेखांकित किया गया है
जिसमें राज्यों, स्थानीय निकायों एवं निजी क्षेत्र के सहयोगत्मक मॉडल भी शामिल हैं। इस नीति में यह सिफारिश की गई है कि निवेश आकर्षित करने के साथ-साथ देश भर में राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए एक ब्रॉडबैंड तैयारी सूचकांक (बीआरआई) विकसित किया जाना चाहिए।इसी को ध्यान में रखते हुये यह करार किया गया है ताकि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए ब्राडबैंड तैयारी सूचकांक जारी किया जा सके। इसमें बुनियादी ढांचागत विकास पर ध्यान दिया जायेगा जो नौ पैमानों पर आधारित होगा। इसमें मांग पक्ष से जुड़े पैमाने या मानदंड शामिल होंगे जिन्हें प्राथमिक सर्वेक्षणों के जरिए दर्ज किया जाएगा। इसमें कई संकेतक जैसे इंटरनेट कनेक्शन युक्त कम्प्यूटर/लैपटॉप का उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या, कुल इंटरनेट उपयोगकर्ता इत्यादि शामिल होंगे।