श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ सैक्टर में भारत-पाक सीमा पर स्थित बिजौर गांव के समीप सुप्रसिद्ध लैला-मजनूं मेला आज से आरम्भ हो गया। दो दिवसीय मेले में बड़ी संख्या में नवविवाहित दम्पत्तियों और चोरी-छुपे प्रेमी युगलों का आगमन दिन भर रहा। मेले के दूसरे दिन कल हजारों की तादाद में नवदम्पत्तियों, प्रेमी युगलों के साथ-साथ इस मेले का आकर्षण देखने के लिए लोग आयेंगे। मेला कमेटी द्वारा अत्यधिक गर्मी को देखते हुए शीतल जल और छांव-चिकित्सा आदि की तमाम तरह की व्यवस्थाएं की हैं। अनूपगढ़ से लगभग 16 किमी दूर चक 4-6 एमएसआर के मध्य बिजौर गांव के बाहर लैला-मजनूं की मजारें हैं, जहां हर वर्ष आसपास के ग्रामीणों द्वारा गठित की हुई मेला कमेटी के तत्वावधान में जून के दूसरे सप्ताह में मेला आयोजित किया जाता है।
इस मेले के आयोजन में सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जाता है। मेले में जहां प्रेमी युगल लैला-मजनूं की तरह अपने प्यार के परवाण चढने की दुआ मांगते हैं, वही नवदम्पत्ति अपना दाम्पत्य जीवन प्रेमभाव से बीतने की दुआ करते हैं। ऐसे युगल भी काफी संख्या में आते हैं, जो पहले यहां आकर अपना विवाह होने की मन्नत मांगकर जाते हैं। लैला-मजनूं की मजारों पर मेला आजादी से पहले से आयोजित हो रहा है।
भारत-पाक विभाजन के कईं वर्षो बाद तक सीमा पार से पाकिस्तान के लोग भी इन मजारों पर सजदा करने के लिए आते रहे हैं। वर्ष 1971 के युद्ध के बाद सीमा पार से लोगों का आना कम हो गया। वर्ष 1992 में सरहद पर तारबंदी हो जाने पर बिल्कुल ही बंद हो गया। मेला कमेटी के अध्यक्ष जरनैलंसिह के अनुसार पिछले पांच-सात वर्षो से हर बार पांच दिन का मेला आयोजित किया जाता रहा है, लेकिन इस बार अत्यधिक गर्मी को देखते हुए इसे दो दिन के लिए सीमित कर दिया गया है। कल मेले के आखिरी दिन कब्बडी और कुश्तियों के मुकाबले होंगे।