नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से राजधानी दिल्ली में उनके आवासों पर मुलाकात की। अमित शाह का उनसे मुलाकात करना हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर महत्व रखता है।
दोनों नेताओं को आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी द्वारा मैदान में नहीं उतारा गया है। दोनों नेता भाजपा के घोषणापत्र जारी कार्यक्रम में भी अनुपस्थिति थे। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इस बार गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से आडवाणी छह बार सांसद रहे हैं। मुरली मनोहर जोशी की जगह कानपुर से सत्यदेव पचौरी चुनाव लड़ रहे हैं।
शाह ने आडवाणी से मुलाकात ऐसे समय में की है, जब वयोवृद्ध नेता ने एक ब्लॉग में लिखा कि भाजपा ने अपने राजनीतिक विरोधियों को कभी भी शत्रु या राष्ट्र विरोधी नहीं माना। उन्होंने कहा था, 'भारतीय लोकतंत्र की खुशबू विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करना है। स्थापना के समय से ही भाजपा ने हमसे राजनीतिक असहमति रखने वालों को कभी भी अपना शत्रु नहीं माना, बल्कि उन्हें सिर्फ अपना प्रतिद्वंद्वी माना।' आडवाणी ने कहा कि इसी तरह हमारी भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा में हमने उन लोगों को राष्ट्र-विरोधी कभी नहीं माना, जो हमसे राजनीतिक रूप से असहमत थे।
दोनों नेताओं को टिकट ना देने के पीछे कारण दिया गया है कि पार्टी ने फैसला किया है कि वह 75 साल से ज्यादा उम्र के उम्मीदवारों को टिकट नहीं देगी। 2014 में मुरली मनोहर जोशी की जगह नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ा था। उन्हें कानपुर भेजा गया था।