अंकारा। तुर्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के गोलन हाइट्स पर इजरायल की संप्रभुता को मान्यता देने के फैसले की कड़ी निंदा की। ट्रम्प ने सोमवार औपचारिक रूप से गोलन हाइट्स पर इजरायल की संप्रभुता को मान्यता देने की घोषणा की। तुर्की के विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया, ''हम 1967 से इजरायल के कब्जे में रहे गोलन हाइट्स पर इजरायल की संप्रभुता को मान्यता देने के अमेरिकी प्रशासन के फैसले से दुखी हैं और इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय जो अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 497 (1981) का जो यह दर्शाता है कि अमेरिकी प्रशासन पश्चिम एशिया में समाधान के हिस्से के बजाय समस्या का हिस्सा बना हुआ है।'' मंत्रालय ने कहा कि श्री ट्रम्प का निर्णय तुर्की के लिए अशक्त और शून्य है।
जारी बयान में कहा गया, ''अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ इजरायल के कृत्यों को सही ठहराने के निरर्थक प्रयासों से इस क्षेत्र को और अस्थिर करने के बजाय संयुक्त राष्ट्र चार्टर एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मूल सिद्धांतों का पालन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों की एक आवश्यक जिम्मेदारी है।''
इससे पहले ट्रम्प ने गुरुवार को गोलन हाइट्स को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव जिसमें इस क्षेत्र को सीरिया से संबंधित बताया गया, का अनुपालन करने वाली 50 सालों से अधिक की अमेरिकी नीति को पलटते हुए कहा अमेरिका के लिए गोलन हाइट्स पर पूरी तरह से इजरायल की संप्रभुता को मान्यता देने का समय है।'' ट्रम्प की टिप्पणी की कई देशों ने निंदा की जिसमें ईरान, सीरिया, तुर्की और रूस शामिल हैं।
इजरायल ने 1967 में छह-दिवसीय युद्ध के दौरान सीरिया से गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया गया था। इजरायल के 30 अक्टूबर 2018 को क्षेत्र में स्थानीय चुनाव कराने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव लाया गया जिसमें इजरायल से इस क्षेत्र से अपनी सेना को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया गया।