नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में कुमार को दोषी ठहराते हुए उन्हें ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी। उन्होंने पत्र में गांधी से कहा, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मेरे खिलाफ दिए गए आदेश के मद्देनजर मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।
इससे पहले सज्जन कुमार जब सजा सुनाए जाने के बाद पहली बार सामने आए तो मीडिया के सवालों से बचते रहे। वे सिर्फ एक जगह से निकलकर चुपचाप जाकर अपनी गाड़ी में बैठ गए। न उन्होंने इस बारे में कुछ कहा न कोई रिएक्शन दिया। वह अपनी कार में सवार हुए और रवाना हो गए। बता दें कि अभी भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। आगे पढ़िए सज्जन कुमार का पूरा सफर और उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सज्जन कुमार को मिली सजा का हम स्वागत करते हैं। आखिरकार 34 साल बाद सिख समुदाय को न्याय मिल गया। आशा है कि अन्य बड़े नेता जो इस मामले में लिप्त थे उन्हें भी सजा मिलेगी और ऐसे ही 2002 दंगों और मुजफ्फरनगर दंगों के दोषियों को भी सजा मिले। कांग्रेस के कद्दावर नेता सज्जन कुमार को ताउम्र कैद की सजा मिलने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। अब तक उन्हें निचली अदालत से राहत मिलती रही है यह पहला मामला है जिसमें हाईकोर्ट से उन्हें सजा मिली है।