नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक का महिमांडन करना बिल्कुल भी उचित नहीं है, यह कहना है रिटायर्ड जनरल डीएस हुड्डा का, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन का नेतृत्व किया था। जनरल हुड्डा ने कहा कि हम किसी के राजनीतिक फायदे का खातिर सैन्य कार्रवाई नहीं करते हैं और इस चीज को राजनीति से बहुत दूर रखा जाना चाहिए। जनरल हुड्डा ने कहा, 'हालांकि कार्रवाई के लिए सैनिकों के मनोबल को बढ़ावा देने की आवश्यकता थी, लेकिन सैन्य अभियानों का लगातार प्रचार करना अनुचित है।' बता दें कि जनरल हु्ड्डा सेना में नॉर्दन आर्मी कमांडर थे, पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था।
जनरल डीएस हुड्डा चंडीगढ़ लेक क्लब में शुक्रवार से शुरू हुए आर्मी मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में रोल ऑफ क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन एंड सर्जिकल स्ट्राइक विषय पर बोल रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक पर बोलते हुए सेना के पूर्व सैन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मुझे लगता है कि इसका (सर्जिकल स्ट्राइक) बहुत महिमामंडन हो रहा है। स्ट्राइक करना जरूरी था और हमने कर दिया। अब राजनेताओं को इस बारे में पूछा जाना चाहिए कि इस पर और कितनी राजनीति होनी चाहिए।'
उन्होंने कहा कि यूएसए आर्मी ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारा था। इसका मतलब यह नहीं कि उसके बाद आतंक खत्म हो गया। सर्जिकल स्ट्राइक एक ऑपरेशन था, ऐसे ऑपरेशन समय की मांग के हिसाब से होते रहते हैं। पाकिस्तान ने पठानकोट और उरी में आतंकी हमले किए थे। जिसका जवाब देन के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करना जरूरी हो गया था। इसलिए यह सोचना गलत है कि सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान बाज आ जाएगा और आतंकवाद खत्म हो जाएगा।
एक सवाल के जवाब में जनरल ने कहा कि बेहतर होता कि इस सर्जिकल स्ट्राइक को गोपनीय रखी जाती। पैनलिस्ट्स के सवालों का जवाब देते हुए जनरल हुड्डा ने कहा, 'यह सर्जिकल स्ट्राइक बहुत कम समय में छोटे टारगेट बनाने की रणनीति थी, जिसका उद्देश्य 'पाकिस्तान सेना को भविष्य के आतंकवादी हमलों का समर्थन करने से रोकने जैसा कोई सामरिक उद्देश्य नहीं था। हुड्डा ने कहा, 'जब हम सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बना रहे थे, तब हमारे मन में यह कभी नहीं आया था कि आज के बाद पाकिस्तान कभी भी उरी जैसी हरकत नहीं करेगा। हमारे लिए यह बहुत ही साधारण बात है।'