नई दिल्ली। विमान ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण पहली छमाही में विमान सेवा कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफी खराब रही है और शेयर बाजार में सूचीबद्ध तीनों एयरलाइंस को नुकसान उठाना पड़ा है। विमानन क्षेत्र की गति बनाये रखने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय विमान ईंधन को भी जल्द से जल्द वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के लिए प्रयास कर रहा है तथा चाहता है कि इसे 18 प्रतिशत वाले स्लैब में रखा जाये।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया “विमान ईंधन को जीएसटी में शामिल करने के लिए हम राजस्व विभाग से संपर्क में हैं। इससे विमान सेवा कंपनियों को काफी राहत मिलेगी, बशर्ते कर की दर बहुत ऊंची न हो। यह पूछे जाने पर कि मंत्रालय विमान ईंधन को किस स्लैब में रखने की सिफारिश कर रहा है, अधिकारी ने कहा “हमारा प्रयास है कि इसे 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा जाये। लेकिन, यह सब भविष्य की बात है जो बाद में तय होगा। यदि बहुत ज्यादा कर लगाया जाता है तो जीएसटी में इसे शामिल करने का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो सकेगा।”