नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की आज 101वीं जयंती है। इस मौके पर उनकी पूत्र वधू और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और उनके पोते और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनकी समाधी शक्ति स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। आजाद भारत के इतिहास में उनका नाम उनक चंद लोगों में शामिल है जिन्होंने देश के लिए बड़ा काम किया।
इंदिरा ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर अपनी अमिट छाप छोड़ी और उनके व्यक्तित्व की मिसालें दी जाती हैं। इंदिरा गांधी भी एक ऐसा ही नाम है, जिन्हें उनके निर्भीक फैसलों और दृढ़निश्चय के चलते लौह महिला कहा जाता है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के घर 19 नवंबर, 1917 को जन्मी सुंदर कन्या को उसके दादा मोतीलाल नेहरू ने इंदिरा नाम दिया और पिता ने उसके सलोने रूप के कारण उसमें प्रियदर्शिनी भी जोड़ दिया। उसके बाद से वह इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी हो गईं।
फौलादी हौसले वाली इंदिरा गांधी ने लगातार 3 बार और कुल 4 बार देश की बागडोर संभाली और वह देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। उनके कुछ फैसलों को लेकर वह विवादों में भी रहीं। जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई भी उनका एक ऐसा ही कदम था, जिसकी कीमत उन्हें अपने सिख बॉडी गार्डों के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी।