नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एवं भारत आसियान शिखर बैठक में भाग लेने के लिए 14 एवं 15 नवंबर को सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे जहां उनकी अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस सहित विभिन्न देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात भी होगी। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री मोदी 14 नवंबर की सुबह सिंगापुर पहुंचेंगे और 15 नवंबर को दोपहर के बाद स्वदेश रवाना होंगे।
प्रधानमंत्री करीब 36 घंटे के प्रवास में सबसे पहले सिंगापुर फिनटेक सम्मिट में मुख्य व्याख्यान देंगे। इस दौरान वह आसियान में डिजिटल भुगतान मंच का लोकार्पण करेंगे। फिनटेक सम्मिट में पहली बार किसी शासनाध्यक्ष का मुख्य उद्बोधन होगा। सिंह ने कहा कि बुधवार को ही द्वितीय आरसेप शिखर बैठक और भारत सिंगापुर हैकाथेलॉन में भी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझीदारी (आरसेप) करार के लिए आयोजित शिखर बैठक में 16 देशों के नेता भाग लेंगे और 2012 से इस दिशा में चल रहे प्रयासों में प्रगति का जायजा लेंगे। देर शाम वह आसियान के अध्यक्ष सिंगापुर के प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित स्वागत भोज में शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि बुधवार को ही श्री मोदी की अमेरिका के उपराष्ट्रपति सहित कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय भेंट होगी। सिंगापुर के प्रधानमंत्री के साथ भी उनकी द्विपक्षीय बैठक होगी। उन्होंने कहा कि अगले दिन गुरुवार सुबह वह भारत आसियान शिखर बैठक में भाग लेंगे और दोपहर के भोज के मौके पर भारत-पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। दोपहर बाद पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद वह भारत के लिए रवाना हो जाएंगे।
संवाददाताओं के सवालों के जवाब में सुश्री सिंह ने कहा कि श्री मोदी इस शिखर सम्मेलनों में हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए भारत के रुख को दोहराएंगे। मोदी ने इस क्षेत्र के बारे में इस साल जून में सिंगापुर यात्रा के दौरान शांगरीला डॉयलॉग में भारत की नीति को परिभाषित किया था। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान हिन्द प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत अमेरिका जापान और आस्ट्रेलिया के बीच अधिकारी स्तरीय चतुष्कोणीय बैठक भी होगी।