नई दिल्ली। सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर लगे आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके बस्सी ने मोइन कुरैशी मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। याचिका में उन्होंने कहा कि सबूतों के आधार पर वो अस्थाना को दोषी ठहराने वाले थे। उन्होंने कोर्ट में मंगलवार को कहा कि उनके पास इस बात के सबूत थे कि एफआईआर में जिन लोगों का नाम शामिल था, उन लोगों ने 3.3 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।
पिछले हफ्ते डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने पर मचे बवाल के बाद बस्सी को पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर कर दिया गया था। बस्सी ने अपने ट्रांसफर के आदेश को कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की। बता दें कि अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में बस्सी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बस्सी आलोक वर्मा के निर्देशों पर काम कर रहे हैं। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि राकेश अस्थाना के खिलाफ एक नवंबर तक यथास्थिति बनाकर रखी जाए।
दूसरे विभागों तक पहुंचेगी आंच
सीबीआई विवाद पर हो रही जांच की आंच दूसरे विभागों के अधिकारियों के अलावा कुछ वीआईपी तक भी पहुंच सकती है। सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान कुछ दस्तावेज और बातचीत के सबूत मिले हैं, जिससे जांच का दायरा सीबीआई से निकलकर दूसरे विभागों ईडी और इनकम टैक्स के सीनियर अधिकारियों तक भी पहुंच सकता है।